रोनी कोलमैन बॉडीबिल्डिंग का बादशाह
रोनी कोलमैन, बॉडीबिल्डिंग की दुनिया का वो नाम है जिसने 8 बार 'मिस्टर ओलंपिया' बनकर (1998 से 2005 तक) इतिहास रच दिया। उनकी धांसू बॉडी, कमाल की कटिंग और भारी वजन उठाने की ताकत, जैसे 800 पाउंड का स्क्वाट और डेडलिफ्ट, ने उन्हें द किंग बना दिया। उनके फेमस डायलॉग येह बड्डी! और लाइटवेट बेबी! आज भी जिम में सुनाई देते हैं।लेकिन, 2007 में बॉडीबिल्डिंग से रिटायर होने के बाद उनकी लाइफ में हेल्थ से जुड़ी कई दिक्कतें आईं। आज रोनी कोलमैन की हालत उनकी स्ट्रगल और हिम्मत की कहानी है, जिसकी वजह से वो स्टेज पर हमेशा छाए रहे।
रोनी कोलमैन: हेल्थ प्रॉब्लम्स का सिलसिला ओर 13 के लगभग सर्जरी
रोनी कोलमैन की आज की हेल्थ उनके सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा है। रोनी कोलमैन ने अपनी चोटों को इग्नोर करके ट्रेनिंग जारी रखी, जिससे उनकी बॉडी को बहुत नुकसान हुआ। रीढ़ की हड्डी और कूल्हों में सीरियस प्रॉब्लम हो गई।
चोट की शुरुआत: 1996 में स्क्वाट करते वक्त उनकी रीढ़ की हड्डी में प्रॉब्लम हुई। उस वक्त दर्द को नज़रअंदाज़ करना उनकी लाइफ का सबसे बड़ा हेल्थ चैलेंज ओर गलती बन गई।
ऑपरेशन: 2007 के बाद से, रोनी कोलमैन की लगभग 13 सर्जरी हो चुकी हैं, जिनमें उनकी रीढ़ की हड्डी, गर्दन और कूल्हों की सर्जरी शामिल है। उन्होंने बताया कि उनके 8 रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन, 3 गर्दन के और 2 कूल्हे के ऑपरेशन हुए हैं।
स्पाइनल फ्यूजन और नर्व डैमेज: इनमें कई स्पाइनल फ्यूजन किए गए, जहां उनकी रीढ़ की हड्डियों को जोड़ा गया। इसमें उनकी बॉडी में बहुत सारे स्क्रू और रॉड डाले गए। दुख की बात ये है कि नर्व डैमेज की वजह से उनके पैरों में कमजोरी आ गई, जिससे उन्हें चलने में प्रॉब्लम होने लगी।
रोनी कोलमैन को चलने-फिरने में दिक्कत आ रही है, नर्व डैमेज और कई ऑपरेशन फेल होने की वजह से, रोनी कोलमैन आज ठीक से चल नहीं पाते।
सहारे की ज़रूरत: थोड़ी दूर के लिए उन्हें बैसाखी का सहारा लेना पड़ता है, और ज़्यादा दूर जाने के लिए वो व्हीलचेयर यूज़ करते हैं।हाल ही में जानलेवा इंफेक्शन, रोनी कोलमैन को सेप्सिस नाम के इंफेक्शन की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा।
सीरियस सिचुएशन: ये उनके लिए 'मौत के मुंह' से लौटने जैसा था, जैसा कि उन्होंने खुद कहा। सेप्सिस एक ऐसा इंफेक्शन है जो ब्लड में फैल जाता है और इसके लिए तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है।
इमरजेंसी ऑपरेशन: इस दौरान डॉक्टरों ने इंफेक्शन की वजह पता की और उसे कंट्रोल करने के लिए तुरंत ऑपरेशन किया।
तेज़ी से रिकवरी: अपनी ज़बरदस्त हिम्मत की वजह से, वो जल्दी ही इस बीमारी से उबर गए, जिसके बाद उनके फ़ैन्स ने उन्हें खूब सराहा और सपोर्ट किया
रोनी कोलमैन द किंग का हौसला और वापसी का टारगेट
अपनी बॉडी की सीरियस कंडीशन के बावजूद, रोनी कोलमैन का हौसला और फ़िटनेस के लिए उनका जुनून आज भी बरकरार है।
लगातार ट्रेनिंग
रेगुलर जिम जाना: हैरानी की बात है इतनी मुश्किलों के बावजूद भी रोनी कोलमैन आज भी हफ्ते में लगभग 6 दिन जिम जाते हैं। वो इसे अपनी मेंटल और फ़िजिकल थेरेपी मानते हैं।'लाइटवेट' ट्रेनिंग: जहां पहले वो 800 पाउंड से स्क्वाट करते थे, वहीं अब वो बहुत कम वज़न उठाते हैं और मशीनों का यूज़ करते हैं। उनके पुराने नारे 'लाइटवेट बेबी!' का अब सच में मतलब हल्का वज़न हो गया है। हाल ही में सेप्सिस से ठीक होने के बाद उन्होंने हल्के वज़न के साथ वर्कआउट करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए, जो लाखों लोगों के लिए इंस्पिरेशन बने।
रोनी कोलमैन 2027 का टारगेट: बिना सहारे चलना
रोनी कोलमैन ने एक क्लियर टारगेट सेट किया है: बिना किसी सहारे के चलना। वो 2027 तक बिना बैसाखी या व्हीलचेयर के अपने पैरों पर खड़े होकर चलना चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि स्टेम सेल थेरेपी और लगातार फ़िज़ियोथेरेपी से वो ये टारगेट पूरा कर लेंगे।
रोनी कोलमैन फ़िटनेस आइकॉन और रोल मॉडल
सोशल मीडिया पर एक्टिव: वो अपनी हेल्थ से जुड़ी बातें सोशल मीडिया पर खुलकर शेयर करते हैं। उनकी डॉक्यूमेंट्री 'रोनी कोलमैन: द किंग' ने उनकी मुश्किलों को पूरी दुनिया में दिखाया।इंस्पायरिंग मैसेज: अब वो अपने फ़ैन बेस को हेल्थ के बारे में अवेयरनेस फैलाने के लिए यूज़ कर रहे हैं, ख़ासकर सेप्सिस के ख़तरों और चोटों को इग्नोर न करने के बारे में।
आखिर में यही कहना चाहूंगा कि रोनी कोलमैन की आज की हालत ये बताती है कि महान बनने की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने 8 बार मिस्टर ओलंपिया का खिताब जीता, लेकिन उनकी हेल्थ ने उन्हें बहुत परेशान किया। वो आज भी 'द किंग' हैं, न सिर्फ़ फ़िजिकल स्ट्रेंथ के मामले में, बल्कि हिम्मत के मामले में भी। वो लगातार लड़ रहे हैं, दर्द सह रहे हैं, लेकिन हर सुबह उठकर ये साबित कर रहे हैं कि सच्चे चैंपियन कभी हार नहीं मानते।
